दीक्षा के पश्चात्

पूर्ण गुरूदेव जी से दीक्षा लेकर पूर्ण विश्वास के साथ गुरूदेव द्वारा बताई साधना पूरी निष्ठा के साथ करे।

  • कबीर जी ने बताया है कि:- 1. धीरज रखे।

कबीर, धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।
माली सींचे सौं घड़ा, समय आए फल होय।।

भावार्थ:- जैसे माली आम का बीज बोता है। उसकी सिंचाई करता है। कुछ दिन पश्चात् अंकुर दिखाई देता है। फिर भी समय-समय पर सिंचाई करता रहता है। रक्षा के लिए कांटेदार झांड़ियों की बाड़ (थ्मदबमे) करता है। एक आम के पौधे को पेड़ बनने में लगभग 8.10 वर्ष लग जाते हैं। तब तक माली (पौधा लगाने वाला बाग का मालिक या नौकर) उस पौधे की सिंचाई करता रहता है। जब आम का पेड़ बन जाता है तो आम के फल लगते हैं। इतने लगते हैं कि स्वयं का परिवार भी खाता है तथा बेचकर अपना निर्वाह भी करता है। इसी प्रकार भक्ति नाम रूपी बीज को बो कर यानि दीक्षा लेकर उसका स्मरण, दान रूपी सिंचाई करते रहना चाहिए। आम के पौधे की तरह धीरे-धीरे भक्ति रूपी पेड़ बनने के पश्चात् सुखों का अम्बार लग जाएगा। जैसे आम के पेड़ को टनों आम लगे, खाए और बेचकर धन कमाया। इसी प्रकार भक्त को धीरज रखना चाहिए। धीरे-धीरे भक्ति का परिणाम आने लगेगा।

    1. विश्वास:-

परमात्मा की भक्ति का लाभ उसी को होता है जो परमात्मा की महिमा पर पूर्ण विश्वास रखता है।

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