कबीर बनाम कृष्ण वगैरा
(अध्याय नं. 1)
कबीर बनाम कृष्ण वगैरा
(Kabir v/s Krishna etc.)
जनता की अदालत में मुकदमा पेश
जज:- भक्त समाज
कबीर परमेश्वर जी का वकील:- रामपाल दास।
अस्थाई पता:- रामपाल पुत्र चैधरी नंदराम जाट, पुत्र श्री अभेराम जाट, पुत्र श्री मेदाराम जाट।
जाति:- जाट, गोत्र जाटयाण (श्रंजंपद), धर्म:- हिन्दू।
गाँव:- धनाना, अलादाद पुर, तहसील-गोहाना, जिला-सोनीपत, प्रांत-हरियाणा, देश-भारत,
लोक-पृथ्वी।
अस्थाई दूसरा पता:- भक्त रामपाल दास पुत्र स्वामी रामदेवानंद गुरू महाराज, पुत्र पंडित
चिदानंद, पुत्र बंदी छोड़ गरीबदास, पुत्र परमेश्वर कबीर जुलाहा बंदी छोड़।
जाति:- जीव, गोत्र-बंदी छोड़, धर्म-मानव।
गाँव:- सतलोक आश्रम बरवाला, तहसील-बरवाला, जिला-हिसार, प्रांत-हरियाणा, देश-भारत,
लोक-पृथ्वी।
स्थाई पता:- रामपाल हंस, पुत्र सतपुरूष कबीर परम हंस।
जाति:- आत्मा, गोत्र-हंस।
गाँव:- तहसील, जिला, प्रांत व देश - सत्यलोक, (सनातन परम धाम)।
श्री कृष्ण (सतगुण) देवता जी के वकील:-
- चारों शंकराचार्य जी,
- श्री आशाराम जी,
- श्री सुधांशु जी,
- श्री ज्ञानानंद जी।
- श्री प्रभुपाद जी एस्कोन वाले,
- सर्व ब्राह्मण जो पंडिताई कर्मकांड करते हैं।
- हंसा देश पंथ के दोनों प्रमुख:- ;पद्ध श्री सतपाल जी महाराज, ;पपद्ध प्रेम रावत उर्फ बाल योगेश्वर जी महाराज।
- श्री देवकीनंदन जी महाराज, {पता:- C-5/90,1st Floor, Sector 6 Rd, Rohini, (Delhi)}
- सब महामण्डलेश्वर, 10) गिरी पंथी, 11) नाथ पंथी, 12) नागा साधु, 13) पुरी पंथी। 14) दश नामी, 15) वैष्णव पंथी, वगैरा-वगैरा।
दावा धारा:-
श्री कृष्ण उर्फ श्री विष्णु को अविनाशी, सृष्टि का उत्पत्तिकर्ता बताना। यह कहना है कि श्री ब्रह्मा (रजगुण), श्री विष्णु (सतगुण) तथा श्री शिव (तमगुण) को अजर-अमर बताना, इन्हीं तीनों गुणों यानि तीनों देवताओं की पूजा करने को कहना तथा यह कहना है कि इनके कोई माता-पिता नहीं हैं, आदि-आदि गलत प्रचार करके श्री कृष्ण जी के वकील जनता के साथ धोखा कर रहे हैं। भक्त समाज का अनमोल मानव जीवन गलत ज्ञान देकर गलत भक्ति साधना बताकर नष्ट कर रहे हैं।
जनता अदालत में सुनवाई शुरू:-
कबीर जी का वकील:- उपरोक्त वकील साहेबान भक्त समाज को शास्त्रों के विपरित ज्ञान तथा साधना बता रहे हैं। जिस कारण से भक्तों/भक्तमतियों का अनमोल मानव जीवन नष्ट कर रहे हैं जो महा अपराध है।
कृष्ण जी के वकील:- हम शास्त्रों में वर्णित ज्ञान जनता को बताते हैं। शास्त्रों में वर्णित साधना बताते हैं। कबीर वकील का दावा गलत है। श्री कृष्ण उर्फ श्री विष्णु जी सर्व समर्थ प्रभु हैं। श्री कृष्ण जी ने सुदामा के चावल (तंदूल) खाकर उसका मकान बना दिया था। बहुत सारा धन दिया था। क्या ये समर्थ नहीं हैं?
कबीर जी का वकील:- श्री कृष्ण जी तीन लोक (पृथ्वी लोक, स्वर्ग लोक तथा पाताल लोक) के प्रभु हैं। ये भी राहत दे सकते हैं, परंतु परमेश्वर कबीर जी असँख्यों लोकों के प्रभु हैं। ये श्री कृष्ण से अधिक राहत यहाँ पृथ्वी लोक भी देते हैं तथा अपने भक्त/भक्तमति को पूर्ण मोक्ष प्रदान करके (शाश्वत स्थान) अमर लोक में भेज देते हैं। परम शांति प्रदान करते हैं जो श्री कृष्ण उर्फ विष्णु जी नहीं कर सकते। श्री कृष्ण जी द्वारका नगरी के राजा थे। सुदामा उनका मित्र था। राजा के लिए यह कोई बड़ा काम नहीं। परमेश्वर कबीर जी ने तैमूरलंग की एक रोटी खाकर उसे सात पीढ़ी का राज दे दिया था। पेश है कथा तैमूरलंग की:-