हंसादेश पंथ वालों की गलती
पेश है हंसादेश वाले पंथ (श्री सतपाल जी महाराज व श्री प्रेम रावत जी महाराज के आश्रम) से अनुवादित गीता अध्याय 18 श्लोक 66 की फोटोकाॅपी:-
विशेष:- उपरोक्त प्रमाणों से स्पष्ट है कि मेरे (लेखक के) अतिरिक्त किसी को भी गीता का ज्ञान नहीं है। सब ने शब्द के अर्थों का अनर्थ करके ज्ञान का अज्ञान बनाकर जनता को भ्रमित कर रखा है।
उपरोक्त श्लोकों से प्रमाणित हुआ कि गीता ज्ञान देने वाले से अन्य परमेश्वर है जो सृष्टि की उत्पत्तिकर्ता व धारण-पोषणकर्ता परम शांति प्रदान करने वाला परमेश्वर है। उसी की शरण में जाने के लिए कहा है।