नाम जाप करने का लाभ
यदि इन यज्ञों के साथ यथार्थ नाम का भी जाप किया जाए तो फल अधिक व अच्छा मिलता है। यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 15 में ओम् (ॐ) नाम का जाप करने को कहा है। गीता वेदों का ही सार रूप है। गीता में भी अध्याय 8 श्लोक 13 में भी ओम् (ॐ) नाम का जाप करने को कहा है। वेदों तथा गीता में ओम् नाम का जाप तथा ऊपर बताई यज्ञों वाली साधना करने को कहा गया है।
विशेष:- यज्ञों के साथ-साथ ओम् (ॐ) नाम का जाप करने वाला यदि आजीवन साधना करता हुए शरीर त्याग कर जाता है तो उसे महास्वर्ग (बड़ी जन्नत) यानि ब्रह्मलोक प्राप्त होता है। उसका सुख अधिक समय तक मिलता है। परंतु नरक (जहन्नम) में भी कष्ट उठाना होगा तथा जन्म-मृत्यु का चक्र सदा रहेगा। पशु, पक्षी तथा अन्य जीव जन्तुओं के शरीरों में भी कष्ट उठाना पड़ता है।