गीता का ज्ञान श्री कृष्ण में प्रवेश करके काल ब्रह्म ने कहा

कबीर जी का वकील:- दास श्री कृष्ण जी के वकील साहेबानों से अदालत में पुनः जानना चाहता हूँ कि कृपया बताएँ श्रीमद्भगवत गीता का ज्ञान किसने कहा?

कृष्ण जी के वकील:- इस बात को तो बच्चा भी जानता है कि श्रीमद्भगवत गीता का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को बताया।

कबीर जी का वकील:- लगता है कि श्री कृष्ण जी के वकील साहेबानों को अपने ही सद्ग्रंथों का ज्ञान नहीं है। इसलिए सब ऊवा-बाई बोल रहे हैं। स्वयं भी भ्रमित हैं तथा अदालत को भी भ्रमित करना चाहते हैं। दास प्रमाणों सहित पेश करता है, सद्ग्रंथों की सच्चाई जो इस प्रकार है:- श्रीमद्भगवत गीता का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने नहीं कहा। उनके शरीर के अंदर प्रेतवत् प्रवेश करके काल ब्रह्म (ज्योति निरंजन) ने बोला था।

प्रमाण:- महाभारत ग्रंथ

महाभारत ग्रंथ में लिखा है कि महाभारत के युद्ध के पश्चात् युद्धिष्ठिर जी को राजगद्दी पर बैठाकर श्री कृष्ण जी ने द्वारका जाने की तैयारी की तो अर्जुन ने कहा कि ’’आप एक सत्संग करके जाना। मेरे को गीता वाला ज्ञान फिर से बताना जो आप जी ने युद्ध के समय बताया था। मैं भूल गया हूँ। श्री कृष्ण जी ने कहा कि अर्जुन! तू बड़ा बुद्धिहीन है, श्रद्धाहीन है। तूने उस निर्मल गीता ज्ञान को क्यों भुला दिया है। अब मुझे भी याद नहीं।‘‘ फिर श्री कृष्ण जी ने अपने स्तर की गीता का ज्ञान बताया जिसमें श्रीमद्भगवत गीता वाला एक भी शब्द नहीं है।

पेश है संक्षिप्त महाभारत (द्वितीय खण्ड) के अध्याय ’’आश्वमेधिकपर्व‘‘ के पृष्ठ 800- 802 की फोटोकाॅपी:-

Sankshipt Mahabharat Gita Press Gorakhpur
Sankshipt Mahabharat Gita Press Gorakhpur
Sankshipt Mahabharat Gita Press Gorakhpur

इस फोटोकाॅपी में श्री कृष्ण जी ने ब्रह्मलोक से उतरकर उनके पास आए ब्राह्मण दुर्द्धर्ष से मोक्ष धर्म यानि मुक्ति कैसे हो सकती है, यह जानना चाहा। उस ब्राह्मण की विधिवत पूजा की। इस प्रकरण से भी स्वसिद्ध हो जाता है कि श्री कृष्ण जी को अध्यात्म ज्ञान नहीं था, न गीता का ज्ञान था। यदि गीता का ज्ञान हो तो उस ब्राह्मण से जानने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती क्योंकि गीता में मुक्ति का ज्ञान बता रखा है। इस प्रकरण में गीता वाला एक भी शब्द नहीं है।

© Kabir Parmeshwar Bhakti Trust (Regd) - All Rights Reserved