Muktibodh | मुक्ति बोध

Book - मुक्ति बोध | Muktibodh
Author - Sant Rampal Ji Maharaj
Language - Hindi
Publisher - Satlok Ashram, Barwala, Hisar
Genre - Spiritual, Tatvagyan
Subject - Translation of Bani from Granth Sahib of Garib Das Ji Maharaj, Chhudani, Haryana
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मुक्ति बोध | Muktibodh

संत गरीबदास जी महाराज की वाणी के सरलार्थ का कुछ अंश

लेखक तथा सरलार्थ कर्ता:-
संत रामपाल दास

प्रकाशक:-
प्रचार प्रसार समिति तथा सर्व संगत
सतलोक आश्रम, बरवाला, जिला-हिसार (हरियाणा)

Muktibodh

इस पवित्र पुस्तक “मुक्ति बोध” में संत गरीबदास जी के अमर ग्रन्थ के सरलार्थ से कुछ अंग लिखे हैं जो भिन्न पुस्तक बनाई है। इसमें संत गरीबदास जी के अमर ग्रन्थ के सरलार्थ की एक झलक है। दूसरे शब्दों में सरलार्थ का नमूना (sample) है। जैसे कुँए से एक बाल्टी जल निकालकर उसे पीकर जाँचा जाता है कि मीठा है या खारा।

अन्य उदाहरण:– व्यापारी लोग बोरी में परखी मारकर कुछ माल निकालकर जाँच कर लेते हैं कि बोरी में कैसा माल है? ’’मुक्ति बोध‘‘ संत गरीबदास जी के अमर ग्रन्थ के सरलार्थ से निकाला परखी वाला माल है। इसे पढ़कर जाँचें कि सरलार्थ कैसा है? “अमर बोध” के सरलार्थ को समझने के लिए दो शब्द लिखने अनिवार्य हैं। ये दो शब्द “अमर ग्रन्थ” संत गरीबदास जी के सरलार्थ में सर्वप्रथहलम लिखे हैं जो अमर बोध तथा मुक्ति बोध को समझने में सहयोगी हैं। अब पढ़ें दो शब्द:-

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